साख्यकारिका सामान्य परिचय
भारतीय दर्शन शास्त्रों में एक दर्शन सांख्यदर्शन है। मूल सांख्यदर्शन के लेखक महर्षि कपिल मुनि है। सांख्यदर्शन को समझने केलिए अन्य अन्य आचार्यों ने प्रकरण ग्रन्थों की रचना किये है। उनमें से प्रथम प्रकरणग्रन्थ सांख्यकारिका है। सांख्यकारिका की अध्ययन से मोटामोटी सांख्यदर्शन के विषय समझमें आजाते है। सांख्यकारिका अलग अलग संपादकों ने प्रकाशित किये है इसि कारण पाठकों को बहुत असुविधा होता है पुस्तक सिलेक्सन् करने में। इसलिये हमारा प्रयास है की यहांपर सभि सांख्यकारिका की जानकारि उपलब्ध करायें। आप अपने ज्ञान वर्धन केलिये सभि PDF Download कर सकते है।
सांख्यकारिका गौडपादभाष्य
सांख्यकारिका के गौडपादभाष्य सवसे प्राचिन संस्कृत व्याख्या है। सांख्यकारिका के अलग अलग संस्कृतभाष्य और हिन्दी टीका है । आप को भ्रम हो सकता है, इसलिए संपूर्ण पढने के उपरान्त हि PDF Download करें ।
पुस्तक नाम | संपादक | टिका | प्रकाशक-सन् |
1. सांख्यकारिका | डॉ. राकेश शास्त्री | चन्द्रिका हिन्दी | संस्कृतग्रन्थागार, दिल्ली- 1998 |
2. सांख्यकारिका | पण्डित ढुण्डीराज शास्त्री | गौडपाद भाष्यसहित | चौखम्बा वाराणसी |
3. सांख्यकारिका | स्वामी बालरामोदासीन | विद्वत्तोषिणी | गुरुमण्डलाश्रम, हरिद्वार- 1987 |
सांख्यकारिका चन्द्रिका हिन्दी व्याख्या
सांख्यकारिका – संपादक डॉ. राकेश शास्त्री जी के द्वारा संपादित है। इस ग्रन्थ में विस्तृत भूमिका पढने को मिलेगा जोकी ज्ञानवर्धन केलिये आवश्यक है। अन्वय के साथ साथ हिन्दी अनुवाद है। इस में गौडपादभाष्य संस्कृत सहित चन्द्रिका हिन्दी व्याख्या दिया गया है। चन्द्रिका हिन्दी व्याख्या विद्वानों में बहुत प्रशंसनीय है। संस्कृत ग्रन्थों में पाठान्तर, पाठभेद आदि केलिये अलग अलग पुस्तकों को देखना अनिवार्य होता है, इसलिए हमने एक हि पेज में सभि पुस्तकों की जानकारि देने की प्रयास किया है।
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सांख्यकारिका विमलस्थल टिप्पणी सहित
सांख्यकारिका की गौडपादभाष्य सहित पण्डित ढुण्डीराज शास्त्री कृत विमलस्थल टिप्पणी है। सरल भाषाऔर पढने में सुगम है। PDF Download केलिए Download पर Click करेँ।
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सांख्यकारिका विद्वत्तोषिणी टीका सहित
सांख्यकारिका- स्वामी बालरामोदासीन विरचित विद्वत्तोषिणी टीका सहित है। इस ग्रन्थ में उभय सांख्यतत्वकौमुदि और सांख्यकारिका दोनो के व्याख्या की गई है। इसलिए ये ग्रन्थ और भि उत्कृष्ट हो जाता है।
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